Tuesday 14 April 2020

ओबरा के पूर्व विधायक बीरेंद्र प्रसाद सिंह को विनम्र शब्द-श्रद्धांजलि


जमींदार होकर भी सादगी के प्रतिमूर्ति बने रहे बीरेंद्र प्रसाद सिंह
(उनकी राजनीतिक यात्रा, स्वभाव, विचार और....)
०उपेंद्र कश्यप०
जमींदार होते हुए, सामन्ती ठाठ से दूर, सादगी, इमानदारी के प्रतिमूर्ति रहे पूर्व विधायक बीरेंद्र प्रसाद सिंह नहीं रहे। उन्होंने खुद को काजल की कोठरी में रहते हुए बेदाग़ रखा, राजनीतिक तिकड़बमबाजी से दूर रहे। मैं 1994, यानी उनके राजनीतिक अवसान के शुरू होने के बाद  पत्रकारिता में आया। कई बार उनसे मुलाकात भी राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान है। किन्तु बिना बताये कोइ उनको पूर्व विधायक नहीं समझ सकता था, ऐसी कोइ ठसक उनमें नहीं दिखी कभी। वे हमेशा समाज और राजनीति को लेकर ही विमर्श करते, कभी व्यक्तिगत हित की बात नहीं करते थे। वे 1980 में ओबरा विधान सभा क्षेत्र से बतौर भाजपा नेता विधायक बने। अब तक बीते 40 साल में वे अकेले ऐसे नेता रहे, जो कमल खिला सके थे। 06 अप्रैल 1980 को भाजपा का गठन हुआ था, और तब हो रहे चुनाव में वे ओबरा से जीते। जब कमल को जनता में स्थापित करना था कि-कमल मतलब भाजपा। यह काम उन्होंने बखूबी किया। इसके बाद वे राजनीति में सफल नहीं हो सके और फिर भाजपा कभी सफल नहीं हो सकी-ओबरा में। अब तो उसके हाथ से यह सीट भी चली गयी है-करीब दो दशक से। उनकी जीत कोइ तीर-तुक्का नहीं था। समाजवादियों के गढ़ में वामपंथ के लिए तो स्पेस होता है, किन्तु सीधे दक्षिणपंथ की जीत बहुत कुछ बता जाती है। यहाँ यह महत्वपूर्ण तथ्य भी देखें कि, तब राम मंदिर जैसा आन्दोलन दूर की कौड़ी था। यह आन्दोलन 1990 के बाद शुरू हुआ था। इसके बाद भाजपा इस ओबरा में कमजोर होती गयी। समाजवादियों की धरती, यह इसलिए कि 1951 के प्रथम चुनाव से लेकर लगातार समाजवादी नेता ही दाउदनगर अनुमंडल से जीतते रहे। एकाधिक अवसर पर कांग्रेसी। इनके अलावे वामपंथी-गोह से पांच बार और ओबरा से दो बार जीते। किन्तु अनुमंडल में भाजपा कहीं नहीं दिखी। पिछले चुनाव में वर्ष 2015 में गोह से भाजपा को जीत मनोज शर्मा ने दिलाया।
बीरेंद्र प्रसाद सिंह सबसे पहले 1972 में  दाऊदनगर विधान सभा क्षेत्र से (तब हसपुरा प्रखंड साथ था) जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़ कर हार गए थे। जबकि उनका पैत्रिक घर कोइलवां हसपुरा प्रखंड में है। इसके बाद परिसीमन हुआ तो ओबरा (साथ में दाउदनगर प्रखंड) और गोह (साथ में हसपुरा प्रखंड) नया क्षेत्र बना। 1977 में ओबरा विधानसभा क्षेत्र से लोकदल कोटा से तत्कालीन विधायक रामविलास सिंह (अब स्वर्गीय) को जनता पार्टी से टिकट मिला, जीते भी। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि राम बिलास सिंह समाजवादी से सीधे दक्षिणपंथी विचारधारा के साथ हो गए, क्योंकि टिकट का सवाल था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद दक्षिणपंथी जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया था। जनता पार्टी ने 1977 से 1980 तक भारत सरकार का नेतृत्व किया है। सरकार में रहते हुए आंतरिक मतभेदों के कारण जनता पार्टी 1980 में टूट गयी। भाजपा बनी, और इसी पार्टी ने 1980 के विधान सभा चुनाव में बीरेंद्र बाबू को टिकट दिया और वे तब निवर्तमान विधायक रामविलास सिंह को पराजित कर विधायक बने। उसके बाद के दो चुनाव 1985 और 1990 में वे रामविलास सिंह से ही पराजित हुए। बदले हालात में उन्होंने स्वयं को सिमटा लिया, संभव है राजनीतिक दुराचारों वाली परिस्थिति में वे स्वयं को ढाल न सके हों।

एक संक्षिप्त परिचय:-
नाम-वीरेंद्र प्रसाद सिंह। पिता-केशव प्रसाद सिंह। माता-सुदामा देवी। पितामह-गोपी प्रसाद सिंह। मूल पुरुष-बाबू गौड प्रसाद सिंह। जन्म भूमि-कोइलवां, प्रखंड-थाना-हसपुरा। औरंगाबाद, बिहार।  
पत्नी-शान्ति देवी। ससुर-भागवत बाबू- करपी पुराण, अरवल।
जन्म तिथि-01/02/1938, अध्ययन-जिला स्कूल गया। राजनीति में 1965 में आये।
पूर्वजों का आगमन-फैजाबाद जिला के सिमरहुता गाँव से 1670 ई. में यहाँ आये। इनके पूर्वज बाबू गौड़ प्रसाद सिंह यहाँ आये थे। इनके ही वंशज कोइलवा, कलेन, शेखपुरा, तिलकपुरा के जमींदार थे। दाऊद नगर से गोह तक और जाखिम से मेहंदीया तक जमींदारी का क्षेत्र था। 
मृत्यु तिथि-14/04/2020, दिन-मंगलवार की सुबह 04/15 बजे, स्थान- गया जिला मुख्यालय।
किरानी घाट गया में कोइलवां हाऊस नाम से विख्यात है उनका आवास।

राजनीतिक प्रदर्शन:-
ओबरा विधान सभा क्षेत्र में बीरेंद्र प्रसाद सिंह का चुनावी प्रदर्शन
वर्ष    विस क्षेत्र/संख्या     विजेता/उपविजेता  पार्टी          प्राप्त मत
1980 ओबरा-240   बीरेंद्र प्रसाद सिंह      भाजपा                  38855                                                             राम बिलास सिंह      जेएनपी (जेपी)        33451
1985 ओबरा-240   राम बिलास सिंह      एलकेडी                 28786
                           बीरेंद्र प्रसाद सिंह      भाजपा                  20924
1972  दाउदनगर-240  राम बिलास सिंह, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसओपी) 23935
                                  राम नरेश सिंह                   स्वतंत्र                    14449
(लॉक डाउन के कारण-मेरा पूरा आर्काइव मेरे पास अनुपलब्ध है, इस कारण 1972 का और अन्य डाटा नहीं दे सकता)

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