Friday 8 March 2024

औरंगाबाद व काराकाट में महिला नेत्रियों की भूमिका प्रभावी नहीं

 


औरंगाबाद से दो महिला पहुंची हैं संसद 

काराकाट में मंत्री रहते हार चुकी हैं डा.कांति सिंह

सिर्फ ललीता राज लक्ष्मी व श्यामा सिंह बन सकी सांसद


ललिता राज लक्ष्मी


उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : वर्ष 1914 से विश्व में आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। भारत में 1951-52 में पहली लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुआ था। तब से अब तक का इतिहास यह बताता है कि महिला जनप्रतिनिधियों की सहभागिता लगभग नगण्य रही है। कभी प्रभावी भूमिका में महिला प्रतिनिधि नहीं दिखी। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में दो बार महिलाओं को प्रतिनिधित्व का मौका मिला। लेकिन काराकाट लोकसभा क्षेत्र से मंत्री रहते डा. कांति सिंह चुनाव हार गयीं। यहां से कोई महिला संसद न जा सकी है। ओबरा विधानसभा क्षेत्र का भी यही हाल है। जहां से कभी महिला विधायक नहीं बनी। हालांकि कुसुम यादव ने एक प्रयास किया था। प्राप्त विवरण के अनुसार 1962 में स्वतंत्र पार्टी की ललिता राज लक्ष्मी और 1999 में कांग्रेस से श्यामा सिंह औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा पहुंचने में कामयाब रही हैं। श्यामा सिंह वर्ष 1989 में पहली बार जब चुनाव लड़ी थी तो उन्हें 212411 मत मिला था लेकिन तब जनता दल के रामनरेश सिंह 239493 मत लाकर चुनाव जीत गए थे। यह वह दौर था जब कहा जाता था कि सत्येंद्र नारायण सिंह किसी को भी खड़ा कर देंगे तो वह चुनाव जीत जाएगा। लेकिन उनकी पुत्रवधू ही यह चुनाव हार गई। वर्ष 1999 में श्यामा सिंह तब जीती जब कांग्रेस के साथ राजद का गठबंधन हुआ और वह 317418 मत लाकर चुनाव जीत गई।


पहली बार आरा और उसके बाद दो बार बिक्रमगंज से सांसद रही डा. कांति सिंह केंद्र में मंत्री रहते हुए वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बतौर राजद उम्मीदवार काराकाट से चुनाव हार गई। इसके बाद 2014 में भी चुनाव हार गई। वह वर्ष 2004 से 2006 तक केंद्रीय राज्य मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और 2006 से 2009 तक केंद्रीय राज्य मंत्री, भारी उद्योग रही हैं। इनके अलावा कोई महिला नेत्री काराकाट लोक सभा क्षेत्र से महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब नहीं रही।



बोलते आंकड़े :-


वर्ष - लोकसभा क्षेत्र- विजेता- पार्टी- प्राप्त मत-उप विजेता-पार्टी- प्राप्त मत

1962 -औरंगाबाद-ललिता राज लक्ष्मी -स्वतंत्र पार्टी- 64552-रमेश प्रसाद सिंह-आईएनसी- 54791


1989 -औरंगाबाद- रामनरेश सिंह-जनता दल- 269493-श्यामा सिंह-आईएनसी-212411


1999-श्यामा सिंह-आईएनसी-317418-सुशील कुमार सिंह-जनता दल यू-247002


2009-काराकाट-महाबली सिंह-जद यू-196946-कांति सिंह-राजद-176463


2014-काराकाट-उपेंद्र कुशवाहा                        रालोसपा-338892-कांति सिंह-राजद-233651

(ध्यातव्य:- काराकाट लोक सभा क्षेत्र का गठन व प्रथम चुनाव 2009 में हुआ था)



1985-ओबरा विधान सभा-कुसुम यादव--कांग्रेस-13395 मत


ओबरा से कभी महिला नहीं बन सकी विधायक 


ओबरा विधानसभा क्षेत्र से कभी कोई महिला विधायक नहीं बन स्की। वर्ष 1985 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से कुसुम देवी चुनाव लड़ी थी। तब उन्हें 13395 वोट मिला था और तीसरे स्थान पर रही थी। इस चुनाव में लोक दल से रामविलास सिंह चुनाव जीते थे और भाजपा के वीरेंद्र प्रसाद सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। वे 1980 में विधायक बने थे। ओबरा क्षेत्र की राजनीति में कुसुम देवी चर्चित चेहरा रही हैं। इन्हीं के नाम पर तरारी में कुसुम कुसुम यादव कालेज चलता है। इसके अलावा कभी कोई महत्वपूर्ण उपस्थिति महिला प्रतिनिधित्व की ओबरा विधानसभा क्षेत्र में नहीं रही।

श्यामा सिंह

No comments:

Post a Comment