Saturday 8 July 2023

गया रिकार्ड रूम से पता चल सकता है किला का रकबा



दाऊद खान का किला से जुड़े दस्तावेज हो सकते हैं सुरक्षित


वर्ष 1925 में हुए बटवारा खेसरा से जानकारी संभव 


उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाऊद खान का किला का क्षेत्रफल क्या है। कितने रकबे पर किला का मालिकाना हक है। यह पता करना अब मुश्किल हो गया है। हालांकि यह भी तय है कि नगर परिषद और अंचल कार्यालय यदि इस मुद्दे का हल चाहे और दृढ़ निश्चय कर ले तो रकबा पता किया जा सकता है। गया जिला मुख्यालय में कमिश्नरी कार्यालय के उत्तर एक रिकार्ड रूम है। बताया जा रहा है कि वहां इससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध हो सकते हैं। महत्वपूर्ण है कि वर्ष 1912 में पहला सर्वे हुआ था और कहा जाता है कि तब लट्ठा और बांस से मापी कराई गई थी। वर्ष 1925 में दाउदनगर बस्ती का बंटवारा हुआ था। सरकार ने उसे मान्यता दी। यह बंटवारा गया के तत्कालीन कलेक्टर द्वारा किया गया था। इसलिए संभव है कि इससे संबद्ध दस्तावेज गया रिकार्ड रूम में उपलब्ध हो। जमीन संबंधी जानकारों का यह साफ कहना है कि परिसंपत्तियों की देखभाल का जिम्मा नगर परिषद का था तो उसकी भी जिम्मेदारी बनती है। और फिर यह भी कि इस शहर के तमाम सरकारी जमीनों से संबंधित दस्तावेज अंचल कार्यालय में है तो फिर अंचल को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए।



खाता संख्या 595 व प्लाट संख्या 980 है

समस्या यह है कि इस 980 प्लाट में है पूरा पुराना शहर 

चार प्लाट में बंटा हुआ है पूरा दाउदनगर शहर


दाउदनगर का खाता संख्या 595 है। कुल चार प्लाट में पूरा शहर बंटा हुआ है। दाऊद खान का किला प्लाट संख्या 980 में है। लेकिन इसी प्लाट में पूरा पुराना शहर है। नई शहर से संबंधित प्लाट संख्या 1468, 1469 और 1138 है। बताया जा रहा है कि वर्ष 1985 से जो सर्वे कार्य शुरू हुआ था जिसे नया सर्वे के नाम से जाना जाता है, उसमें किला से संबंधित रकबा पता चल सकता है। लेकिन बस सवाल यही है यह श्रम कौन करेगा। नगर परिषद कहता है कि उसके पास नया सर्वे का भी कागजात अंचल उपलब्ध नहीं करा रहा है।




नगर परिषद और अंचल कार्यालय में खींचतान 


नगर परिषद क्षेत्र की जमीन संबंधी परिसंपत्तियों से जुड़े दस्तावेज पुराना खतियान हो या अन्य जानकारी अंचल कार्यालय में उपलब्ध है। ऐसा नगर परिषद मानता है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने बजाप्ता अधिसूचना प्रकाशित कर रखा है कि शहरी क्षेत्र में अतिक्रमणवाद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी चलाएंगे। अंचल अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी संबंधित दस्तावेज नगर परिषद को उपलब्ध करा दें। नगर परिषद क्षेत्र में सरकारी जमीन उपलब्ध है। चार बार नगर परिषद ने अंचल कार्यालय को पत्र भेजा है। बावजूद इसके संबंधित दस्तावेज कार्यालय द्वारा नगर परिषद को उपलब्ध नहीं कराया गया है। इधर अंचल अधिकारी मनोज कुमार कहते हैं कि उनके संज्ञान इन मामला नहीं है। दस्तावेज होगा तो नप को दे दिया जाएगा। अब समस्या यह आ रही है कि शहर में जब नप की परिसंपत्तियां कहां-कहां कितनी है यही मालूम नहीं है और इससे संबंधित दस्तावेज नगर परिषद को अंचल कार्यालय उपलब्धि नहीं करा रहा है तो फिर अतिक्रमणवाद कैसे चलेगा और वह किसी परिणाम तक भला कैसे पहुंचेगा।



नया सर्वे नाट फाइनल, इसके कागज भी उपलब्ध नहीं


नगर परिषद क्षेत्र का जो नया सर्वे हुआ था वह अभी नाट फाइनल है। जब नगर परिषद दाउदनगर नगर पालिका था और यहां 13 वार्ड थे तब सरकार ने सर्वे कराया था। कुल 13 वार्ड में वार्ड संख्या पांच और 13 का सर्वे अभी नाट फाइनल है। अन्य वार्डों का सर्वे फाइनल कर दिया गया है। माना यही जा रहा है कि अन्य जिन 11 वार्डों का सर्वे फाइनल हो गया वह नगर परिषद को उपलब्ध होना चाहिए था। लेकिन यह भी उपलब्ध नहीं है। 

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