Wednesday 5 July 2023

केदारनाथ, दिनेश और परवीन होंगे सशक्त स्थाई समिति के सदस्य

 



जातीय राजनीति साधने की दिख रही कोशिश 

भेजा गया प्रस्ताव, औपचारिक मुहर लगना शेष 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद सशक्त स्थाई समिति के गठन की औपचारिकता मात्र बाकी है। प्रक्रिया के तहत प्रस्ताव जिला पदाधिकारी को भेज दिया गया है और फिर वहां से राज्य निर्वाचन आयोग को भेजे जाने की सूचना है। अंतिम मुहर लगनी बाकी है। गत 27 जून को मुख्य पार्षद अंजली कुमारी और उप मुख्य पार्षद कमला देवी के साथ सभी नवनिर्वाचित 27 वार्ड पार्षदों ने शपथ लिया था। तय नियम के मुताबिक सात दिन के अंदर सशक्त स्थाई समिति के गठन का प्रस्ताव भेज दिया जाना आवश्यक था। ऐसा किया गया और अब नामों वाले प्रस्ताव पर मुहर लगना बाकी है। शपथ ग्रहण की तिथि तय होगी और सशक्त स्थाई समिति के तीनों सदस्यों को शपथ दिला दिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार जातीय राजनीति को साधने की पूरी कोशिश की गई है। अंजली कुमारी के मुख्य पार्षद बनने में यादव मतों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण मानी गई है और इस कारण पहले भी वार्ड पार्षद रह चुके केदारनाथ सिंह को सशक्त स्थाई समिति का सदस्य बनाया गया है। मालूम हो कि उनकी पत्नी पुष्पा कुमारी भी दो बार वार्ड पार्षद चुनी गई हैं। वे उप मुख्य पार्षद भी रही हैं। इसलिए इनका दावा मजबूत था और पहले दिन से माना जा रहा था कि सशक्त स्थाई समिति के वे सदस्य होंगे। दूसरी बार चुनकर आए दिनेश प्रसाद को भी सदस्य बनाया गया है। वैश्य समाज को इस के बहाने प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई दिखती है। वे वैश्य समूह के तेली समाज से आते हैं और लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। मुस्लिम समाज को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है और इस समाज से परवीन कौसर को सशक्त स्थाई समिति का सदस्य बनाया गया है। 

सशक्त स्थाई समिति का सदस्य बनाने का जो प्रस्ताव भेजा गया है इस बारे में मुख्य पार्षद की तरफ से कुछ कहा नहीं जा रहा है और ना ही पूछने पर कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय द्वारा स्पष्ट कुछ कहा जा रहा है। मामले को गोपनीय बनाए रखने की कोशिश तो की गई लेकिन सूत्रों के हवाले से यह पक्की खबर है कि केदारनाथ सिंह, दिनेश प्रसाद और परवीन कौसर सशक्त स्थाई समिति के सदस्य होंगे। सिर्फ मुहर लगनी शेष है।



सी श्रेणी का शहर इसलिए पांच ही सदस्य

नगर परिषद के संदर्भ में सशक्त स्थाई समिति की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। दाउदनगर सी श्रेणी का शहर है। इस कारण यहां पांच ही सदस्य सशक्त स्थाई समिति में होते हैं। मुख्य पार्षद द्वारा पद एवं गोपनीयता का शपथ ग्रहण करने के सात दिनों के अंदर तीन सदस्य को नामित किया जाता है। मुख्य पार्षद समिति के पीठासीन अधिकारी होते हैं। उप मुख्य पार्षद पदेन सदस्य होते हैं। समिति सामूहिक रूप से नप के प्रति जवाबदेह होती है। 



समिति के निर्णयों का बोर्ड की बैठक में पारित होना आवश्यक 

सशक्त स्थाई समिति को नगर परिषद का एक प्रकार का मंत्रिमंडल माना जाता है। बोर्ड की बैठक न होने की स्थिति में यह समिति कोई भी निर्णय जो जनहित में हो या प्रशासनिक हो ले सकती है। पूर्व मुख्य पार्षद परमानंद प्रसाद के अनुसार समिति द्वारा लिए गए निर्णय का कार्यान्वयन कार्यपालक पदाधिकारी करते हैं। लेकिन हर निर्णय की पुष्टि होना बोर्ड की बैठक में आवश्यक है। सर्वसम्मति से या बहुमत से समिति के निर्णय को बोर्ड की बैठक में पारित कराना आवश्यक होता है।






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