Monday 30 January 2023

एक ही भवन में रहते हुए सबको अलग अलग दिखाने का आग्रह

 


पक्का मकान वाले भी कच्चा लिखवाने पर देते थे जोर

जाति आधारित गणना में सामने आया समाज की सोच का यह सच

दाउदनगर (औरंगाबाद) :

जनगणना का पहला चरण सम्पन्न हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति आधारित गणना का कार्य अनुमण्डल के पोषक क्षेत्रों में संपन्न कराया गया। प्रथम चरण में मकान नंबरी करण का कार्य हुआ। नजरी नक्शा का निर्माण किया। घर घर जाकर एक एक व्यक्ति से संपर्क स्थापित कर मकान नंबर का कार्य किया। लोगों में यह जिज्ञासा है कि आखिर इस दरम्यान किस तरह से कार्य किये गए। क्या समस्या आई होगी कर्मियों को। आम लोगों की तरफ से क्या सवाल किए जाते थे। यह जानने के लिए इस कार्य में लगे कई कर्मियों से दैनिक जागरण ने बातचीत की। समाज का सच खुल कर सामने आया। कुछ ने तथ्य तो बताया किंतु नाम न छापने का आग्रह भी किया। बताया गया कि लोगों का जोर था कि उनके पक्का मकान को भी कच्चा मकान नजरी नक्शा में प्रदर्शित किया जाये और भाई-भाई को एक ही भवन में अलग-अलग दिखाया जाए। इस दबाव में जो कर्मी आये उन्होंने सामने वालों की इच्छानुसार सर्वे कागज पर लिखा। तभी घर परिवार के मुखिया ने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया। लोगों का कहना था कि रहते तो है एक ही भवन में लेकिन चुल्ला अलग अलग जलता है। 



प्रगणकों पर बनाया गया दबाव


मकसद सरकारी योजनाओं का लाभ लेना

प्रगणक मकान में जितने परिवार रहते थे उनके मुखिया का नाम लिखते हुए उनका सदस्यों की संख्या का आकलन किया। परंतु लोगों ने दबाव बनाया गया कि परिवार को अलग-अलग परिवार बनाकर गणना किया किया जाए। इतना ही नहीं अपने माता-पिता को भी अलग परिवार मानकर गणना कराने के लिए दबाव बनाया। जबकि यह नियम के विरुद्ध था। इसके लिए कई स्तरों पर  शिकायतें भी की गई। स्थल निरीक्षण कर उसका समाधान किया गया। इस तरह  पढ़ने लिखने के बावजूद सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए निजी स्वार्थ में अपने अनुसार कार्य कराने के लिए दबाव बनाया गया।



सीमावर्ती क्षेत्र में अलग समस्या

कुछ चुनौतियां नगर परिषद क्षेत्र के पंचायत से लगे सीमा पर आई कि यह इलाका नगरीय क्षेत्र का है या ग्रामीण। प्रपत्र पर हस्ताक्षर कराने में भी समस्या आयी। कुछ ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर करने से इनकार किया जा रहा था। तर्क यह कि मुझे गणना नहीं कराना है। बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों के सहयोग से समझा-बुझाकर उनसे हस्ताक्षर लिया गया।



मिला अच्छा व नया अनुभव



सुनील बाबी ने बताया कि मकान गणना कार्य का एक प्रगणक के रुप में काफी सुखद अनुभव रहा। लोगों का जनगणना के प्रति विचार जानने और वार्ड के प्रत्येक घर तक पहुंच कर लोगों से मिलकर अच्छा लगा  लोगों ने भी सहयोगात्मक पहल की। कार्य क्षेत्र के वार्ड का नजरी नक्शा बनाने के लिए हर गली और मकानों तक कई बार जाकर देखना और फिर नक्शा तैयार करने का अनुभव काफी अच्छा रहा।



ब्लाक व उप गणना ब्लाक बनाना चुनौतीपूर्ण

फोटो


-रामाकान्त सिंह

नगर परिषद क्षेत्र में गणना कार्य करने वाले शिक्षक रामाकान्त सिंह ने बताया कि विभिन्न ब्लाक एवं उप गणना ब्लाक को बांटना एक बड़ी चुनौती थी। प्रत्येक वार्ड में जाकर वार्ड सदस्यों से संपर्क स्थापित कर अपने पूरे दल के साथ विभिन्न वार्डों को विभिन्न ब्लाकों में विभक्त किया। प्रत्येक ब्लाकों में प्रगंणकों की प्रतिनियुक्ति की गई।



परेशानी को किया गया ऐसे नियंत्रण

मकान गणना के प्रारम्भिक समय में थोड़ी परेशानी तो हुई लेकिन प्रखंड कार्यालय और प्रवेक्षक के सहयोग से कार्य आसान हो गया। प्रखंड मुख्यालयों में इसको लेकर कन्ट्रोल रुम बनाया गया था और ह्वाट्सएप ग्रुप भी। कोई समस्या आने पर ग्रुप में मैसेज करने पर शीघ्र ही मदद मिलता था कर्मियों को।


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