Friday 1 May 2015

पाक ने बीफ मशाला भेज अपना संस्कार बताया

बीफ मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बनाना क्या गलत है?
-----------------------उपेन्द्र कश्यप-----------------------
नेपाल विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र है। हजारों लोगों की जान भूकंप में चली गई। लोग अपना घर, परिवार खो कर जीवन के सबसे गंभीर संकट से जुझ रहे हैं। ऐसे में विश्व के तमाम राष्ट्र सहयोग में उतरे। सभी सहयोग कर रहे हैं। सनातनी भारत इसमें आगे है। बौद्ध धर्मावलंबी चीन, जापान, इसाइयत को मानने वाले अमेरिका समेत कई युरोपीय कंट्री, यहुदी इजरायल सब सहयोग कर रहे हैं। किंतु पाकिस्तान जो जन्मना धर्मान्ध है, उसने इस संकट की घडी में भी खाने के लिए गोमांस भेजा, वह भी सेना के कैंप से पैकिंग कराकर। इसमें अब जांच क्या करेगा वह। यहां गो-हत्या प्रतिबन्धित है, यह सर्वविदित है। नेपाल के संस्कृति मंत्री ने कहा भी कि हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड बर्दास्त नहीं होगा। यह मुद्दा इतना ‘अगंभीर’ है कि सभी सेकुलर जमातें खामोशी ओढ लीं। क्या अगर पाकिस्तान को भारत या नेपाल राहत सामग्री में सुअर का मांस खाने को भेजते तो सेकुलर जमातें खामोश रहती? क्या वे बतायेंगे कि यह घिनौनी हरकत है भी या नहीं? इसकी प्रशंसा तो कर ही सकते थे या फिर वे यह कह सकते थे कि- “त्रासदी में आदमी अपना पेशाब भी पी लेता है, कुछ भी खा लेता है तो अगर पाकिस्तान ने बीफ मशाला भेज दिया तो गलत क्या किया? मदद में जो भेज दिया कम थोडे हैं। इसे मुद्दा बनाना राजनीति करना है।“ यकीन जानिये अगर सेकुलर जमातें ऐसा बोलतीं तो उनका वोट बैंक मजबूत होता? वास्तव में जिस अन्ध धर्मान्धता ने पाकिस्तान को जन्म दिया वह उसके जीन में आज भी है। विश्व को यह समझने की जरुरत है कि इस्लामिक देशों के लिए दूसरे धर्म को नेस्तनाबुत करने के अलावा कोई दूसरा धर्म नहीं होता। उसका संस्कार मानवीय नहीं होता। वह इस धर्म को मनता है कि जो मेरे धर्म को कबूल नहीं करता वह काफिर है और काफिरों को जीने का कोई हक नहीं है। देश चाहे कोई भी हो, जहां आतंकवाद चरम पर है, जितने आतंकी हमले हुए उसके पीछे के कारण आप देख लें, लक्ष्य सिर्फ एक ही होता है- “मुझे मानो या धरती छोडो।“ ऐसे अमानवीय संस्कार वालों से विश्व अगर अब भी यह अपेक्षा करता है कि संकट में उसकी ओर से बढे हाथ मानवीय वजह से है, बिना पूर्वाग्रह के है, तो गलत पाकिस्तान या अन्य कोई भी इस्लामिक देश नहीं है बल्कि दोष गैर इस्लामिक देशों का है। जो अब भी कट्टर धर्मान्धों से यह उम्मीद रख रहे हैं कि वे मानवीय बन जायेंगे। 





'बीफ मसाला' पर पाक ने दी सफाई, कहा- बदनाम कर रहा है भारत
Publish Date:Thu, 30 Apr 2015 09:57 AM (IST) | Updated Date:Thu, 30 Apr 2015 07:13 PM (IST)
काठमांडू। भूकंप की त्रासदी से जूझ रहे नेपाल को पाकिस्तान ने राहत सामग्री के तौर पर बीफ मसाला [गोमांस मसाला] के पैकेट भेजे जाने के मामले पर सफाई देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि पाकिस्तान ने नेपाल में जो 'रेडी टू ईट' सामग्री भेजी है उसको बनाने में किसी भी प्रकार से गौमांस का प्रयोग नहीं किया गया है। असलम ने कहा कि बीफ मसाला पैकेट की जो बात की जा रही है वो भारतीय मीडिया की देन हैं। हमारा भारतीय मीडिया से आग्रह है कि नेपाल में मानवीय सहायता के प्रयास लिए वो हमें 'बदनाम' न करे।
नेपाल को पाकिस्तान ने राहत सामग्री के तौर पर बीफ मसाला [गोमांस मसाला] भेज दिए हैं। इस पैकेट के हरे रंग के चलते इन्हें कोई हाथ भी नहीं लगा रहा है। नेपाल में हिंदुओं की बहुलता है और वहां पर गौ हत्या व गौमांस पर कड़ा प्रतिबंध है। वहां पर ऐसा करने पर 12 साल कैद की सजा है। इससे पहले वहां पर यह अपराध करने पर फांसी दी जाती थी।
नेपाल के अधिकारियों ने इस बाबत प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को जानकारी दे दी है। बताया जा रहा है कि इस मामले की अंदरूनी जांच शुरू कर दी गई है। यदि मामला सही निकला तो इसे कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान के सामने उठाया जाएगा। भारत को भी जानकारी दी जाएगी। इस घटना के चलते सार्क सदस्य दोनों देशों के रिश्तों में कटुता आ सकती है।

काठमांडू के बीर अस्पताल में राहत कार्य में लगे हुए भारतीय डॉक्टर के हवाले से कहा गया कि अधिकतर स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है। जब उन्हें इस बात का पता चला, तो सभी ने इससे बचने की कोशिश की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। राहत सामग्री राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भेजी जाती है।


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