मिडिल
पास महाबली दो बार रहे हैं मंत्री
फोटो-महाबली सिंह
चार बार विधायक और एक बार सांसद
दलबदल का रिकार्ड है इनके नाम
उपेन्द्र कश्यप
काराकाट से जदयू के प्रत्याशी महाबली
की छवि सुरमा वाली रही है। शायद यही वजह है कि उन्हें नक्षत्रबली भी उनके समर्थक
बताते हैं। दल बदलते रहे, दिल बदलते रहे और चुनाव जीतते रहे। चोला बदल बदल कर शायद
इतनी बार कोई नहीं जीता होगा। बसपा और राजद से घुम आए हैं। कैमुर के भगवानपुर
प्रखंड के खिरी गांव के नागेश्वर सिंह और यशोदा देवी के संतान महाबली का जन्म 20
अप्रैल 1955 को हुआ था। ये भले मैट्रिक पास नहीं कर सके। लेकिन मंत्री बन गए। पत्नी
का नाम इन्द्रावती देवी है। तीन पुत्र और दो पुत्री है। भगवानपुर हाई स्कूल से
पढाई की है। सन 1995, 2000, 2005 के फरवरी और अक्टूबर में कुल चार बार बिहार विधान
सभा के सदस्य रहे। पहला चुनाव बसपा से जीते। दूसरा चुनाव जीतने के बाद राजद की
राबडी देवी सरकार में साल 2003-2004 में कैबिनेट मंत्री एवं लोक निर्माण विभाग और
2004-2005 में कैबिनेट मंत्री, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति रहे। साल 2009
में जदयू का टिकट पा गए। लोकसभा चुनाव में काराकाट से राजग की लहर और जातीय समीकरण
के नाव पर सवार होकर सोन का बाढ पार कर संसद पहुंच गए। सांसद रहते 31 अगस्त 2009
को रक्षा समिति के सदस्य, सात अक्टूबर 2009 को आचार संहिता समिति एवं उर्जा संबंधी
समिति के सदस्य बनाए गए। अंबेडकर और जगदेव विचार मंच में रुचि रही अहि। फुटबाल और
क्रिकेट और लोक नाटक देखने में भी मन लगता है। मलेशिया, सिंगापुर
और थाईलैंड की यात्रा कर चुके हैं।
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