बनिया मिजाज वाले शहरी मतदाता खुल नहीं रहे
परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी स्थिति
हार-जीत का अंतर ही नहीं निर्णायक है शहरी चुप्पा वोटर
उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) : ओबरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 387 मतदान केंद्र हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में 318686 मतदाता हैं। मतदान केंद्र संख्या एक से लेकर 41 तक शहरी क्षेत्र में है। नगर परिषद क्षेत्र में स्थित सभी मतदान केंद्रों पर कुल 39164 मतदाता हैं। इसमें लगभग 59.18 प्रतिशत यानी 23180 ने मतदान किया है। मतदान किसके पक्ष में अधिक हुआ किसके पक्ष में कम, यह समझना मुश्किल है। बनिया मिजाज का यह शहर चुप्पा वोट बैंक है। इसमें मात्र एक छोटा हिस्सा है जो खुलेआम यह कह रहा है कि उसने किसे मतदान किया। अन्यथा तमाम मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं। इस कारण प्रत्याशी परेशान हैं। शहर में मत प्राप्त करने के लिए राजद के ऋषि कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के डा.प्रकाश चंद्र ने अपने हिसाब से पर्याप्त परिश्रम किया है। इनके अलावा जनसुराज पार्टी के सुधीर कुमार शर्मा और बसपा के संजय कुमार ने भी प्रयास किया है। इन दोनों ने बजाप्ता नगर यात्रा की। सुधीर कुमार शर्मा के पक्ष में तो प्रशांत किशोर तक शामिल हुए। अब सवाल यह होता है कि कितना किसे मिला। यह समझना मुश्किल है। आमतौर पर माना यही जा रहा है कि सर्वाधिक मत राजग समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रत्याशी डा. प्रकाशचंद्र को मिलेगा। इसके बाद राजद को। बाकी में किसे कितना मिलेगा इसका क्रम भी तय करना बड़ा मुश्किल है।
प्रमोद चंद्रवंशी से पहले पीछे ही रहता था राजग
दाउदनगर शहर की स्थिति यह रही है कि अक्टूबर 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में 23315 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहने वाले जदयू प्रत्याशी प्रमोद सिंह चंद्रवंशी शहरी क्षेत्र में सबसे आगे थे। इसके पहले कभी एनडीए या भाजपा या जदयू आगे नहीं रहा है। वर्ष 1995 और 2000 में शहर का सर्वाधिक मत राजाराम सिंह को प्राप्त हुआ था। 2005 अक्टूबर के साथ प्रायः सभी चुनाव में शहरी मतदाता राजग के साथ ही गोलबंद हुए हैं। ऐसा ही इस बार भी होगा यह सभी मान रहे हैं। शहरी क्षेत्र में प्राप्त मतों का अंतर ओबरा विधानसभा चुनाव का परिणाम तय कर सकता है और हार-जीत का अंतर भी।

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