Sunday, 13 November 2016

अब जा कर मिला गान्धी जी को सही सम्मान


2000 के नोट पर दांयी ओर देख रहे महात्मा
पहले बांयी ओर देखते रहे सभी नोटों पर गांधी
नये नोट के प्रचलन में आने पर कई तरह की चर्चायें हो रही हैं। एक जबरदस्त रोचक चर्चा हो रही है कि पहली बार महात्मा गांधी सही दिशा में देख रहे हैं। अर्थात अपनी तस्वीर में वे पहली बार दांयी तरफ देख रहे हैं। राइट साइड, जबकि पहले बांयी यानी रौंग (लेफ्ट) साइड देखते रहे हैं। इस पर लोगों की रोचक प्रतिक्रिया है।   

पंकज कुमार ने कहा कि पुरूष का स्थान हमेशा दाहिनी ओर होता है। पहले गलत था। प्रधानमंत्री नमो ने उनका स्थान सही कर सम्मान दिया है। डा. शम्भू शरण सिंह ने कहा कि-बापु को केन्द्र में रखा गया है। मतलब साफ है कि अब देश की प्रगति सत्य, अहिंसा व स्वाभिमान के साथ होगा। मुकेश मिश्रा ने कहा- अब देश का भविष्य सही दिशा की ओर अग्रसर हुआ। धर्मवीर भारती ने कहा कि-बापु किसी ओर देखें, उनकी दृष्टि हमेशा सच्ची ही होगी।
उन्हें जानने या समझने के लिए महान एवं स्वच्छ आत्मा चाहिए। सतीश पाठक ने कहा- बापू हमेशा से आदर्श रहे है और रहेंगे। चाहे उनके विचारों को दिल में जगह दें या नोटों पर। गोल्डेन शाह ने कहा कि बापू अब अपना दूसरा गाल आगे कर दिया है।
मुन्ना दूबे बोले- बापू का इशारा है कि हमेशा सही लाईन में चलो गलत लाईन कभी भी धोखा दे सकती है। रवीन्द्र शर्मा ने कहा कि असली ,भारतीय पहली बार प्रधान मंत्री बना है इसलिए राष्ट्रपिता को सही सम्मान दिया है। अरुण कुमार बोले- अब देश जरूर राईट दिशा में जा रहा है। 

1 comment: