देवहरा में सूर्य मन्दिर
की है अपनी प्रतिष्ठा
देवहरा, यानी जहां देवता हार गये। गोह प्रखंड अंतर्गत यह गांव गया-दाउदनगर
राजकीय उच्च पथ-7 पर स्थित है। पुनपुन के कछार पर और सडक से उत्तर है देवहरा का
सूर्य मन्दिर। इसका अपना इतिहास है। प्रथम भारतीय महिला शासिका महारानी अहिल्याबाई होलकर भी
यहां आ चुकी हैं। उन्होंने यहां शिव मंदिर एवं धर्मशाला का निर्माण कराया था। ‘उत्कर्ष’ के
अनुसार धर्मशाला में संस्कृत विद्यालय चलता था।
इसके अंतिम शिक्षक महबलीपुर (पटना) के पंडित कालकादत्त तिवारी थे। शिक्षक सुनील कुमार बौबी ने बताया कि धर्मशाला का मात्र
अब अवशेष ही दिख रहा है, जबकि शिव मंदिर सुरक्षित है। देवासूर संग्राम से लेकर महर्षि भृगु मुनि तक का इतिहास समेटे
यह स्थल भक्तों के लिए श्रद्धा स्थल बना है। मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्र का भी
आगमन च्यवन और भृगु मुनि से मिलने के क्रम में यहां हुआ माना जाता है। विधायक रहे डा.
रणविजय कुमार ने नदी घाट का निर्माण कराया था।
मन्नतें होती हैं शीघ्र पूरी
ऐतिहासिक, पौराणिक व धार्मिक दृष्टिकोण से देवहरा पुनपुन नदी घाट व शिव मंदिर महत्वपूर्ण स्थलों में एक है। श्रद्धालु कहते हैं कि सूर्य मंदिर से मनोवांछित फल मिलता है। मन्नतें शीघ्र पूरी होती है। महावीर स्थान भी है। प्रति वर्ष छठ व्रतियों की संख्या बढती जा रही है।
क्लब करती है सारी व्यवस्था
भगवान् भाष्कर क्लब यहां सारी व्यवस्था करती है। अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि नदी में पानी अधिक होने के कारण नाव व स्टीमर भी होगा। मनरेगा योजना के अंतर्गत मंदिर परिसर की ढलाई करायी गयी है। नदी घाट के साफ-सफाई के साथ मंदिर और घाट को रोशनी से जगमगाया जायेगा।
प्रथम महिला शासक थी अहिल्याबाई होलकर
प्रथम भारतीय महिला शासक अहिल्याबाई होलकर मालवा साम्राज्य की मराठा महारानी थीं। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के चौण्डी (छौंड़ी) ग्राम में हुआ और देहांत 13 अगस्त 1795 को। उनके पति खांडेराव होलकर 1754 के कुम्भेर युद्ध में शहीद हुए थे। इसके बारह वर्ष बाद उनके ससुर मल्हार राव होलकर की भी मृत्यु हो गयी। और इसके एक साल बाद उन्हें मालवा साम्राज्य की महारानी का ताज पहनाया गया। 1795 में अपनी मृत्यु पर्यन्त बड़ी कुशलता से राज्य का शासन चलाया। उन्होंने काशी, गया, सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारिका, बद्रीनारायण, रामेश्वर, जगन्नाथ पुरी जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थानों पर मंदिर बनवाये और धर्म शालाएं खुलवायीं। काशी से गया की यात्रा क्रम में उन्होंने देवहरा में मन्दिर और धर्मशाला बनवाया था।
thanks for upload this information with image.
ReplyDeleteदेवहरा का सूर्य मन्दिर का पुरा पता बता सकते हो क्या ? कोणसे तहसील और जिले में .....
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