अरई का सूर्य मन्दिर
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कर सेवा के कारण हुआ कम खर्चा
निर्माण का निर्णय हुआ था अचानक
अरई
पंचायत मुख्यालय में पूर्व पट्टी में निर्मित सूर्य मन्दिर का आज दिलचस्प संयोग
जुटा है। ठीक 11 साल पूर्व इस मन्दिर का निर्माण 2005 में हुआ था। तब मात्र 11 लाख
खर्चा हुआ था। इसकी सबसे बडी वजह थी जनता की कर सेवा। इस मन्दिर निर्माण का निर्णय
भी अचानक ही हुआ था। यहां पोखरा काफी पुराना है। ग्रामीण सोचते रहते थे कि मन्दिर
निर्माण हो, किंतु इसके लिए संयोग नहीं बन पा रहा था। इस बीच 2001 में पंचायत
चुनाव हुआ और राज कुमार शर्मा मुखिया बने। फिर आकांक्षायें जगी। बिरई मोड पर एक
दिन अपने साथियों नन्देश्वर शर्मा, विजय मौआर, नागेन्द्र शर्मा एवं अनिल कुमार के
साथ श्री शर्मा बैठे तो बात निकल गयी। इस बार बात निकली तो दूर तलक नहीं बल्कि
अंतिम तक पहुंची। निर्णय हुआ और फिर विजयादशमी 2003 के दिन इसकी नींव नागेन्द्र
शर्मा ने रखी। इसके लिए पूरे गांव का भ्रमण किया। प्रथम औपचारिक बैठक गनौरी शर्मा
की अध्यक्षता में हुई। विजय मौआर सचिव एवं राजेन्द्र मेहता कोषाध्यक्ष बनाये गये।
सुखद आश्चर्य यह कि यह टीम ही आज भी इन पदों पर कायम है। लोग स्वेच्छा से चन्दा
देने लगे और कर सेवा में जुटे। मन्दिर निर्माण तक सिर्फ कुशल मजदूरों को ही मजदूरी
दी गयी बाकी सब कर सेवा से हुआ। जिनका नेतृत्व भोली राम ने किया। तब भाजपा
जिलाध्यक्ष बबुआ जी व अश्विनी तिवारी ने कर सेवा की थी।
अब कई देवी देवता
स्थापित
अब सूर्य मन्दिर अरई में कई देवी देवता
प्रतिष्ठापित किए जा चुके हैं। भगवान
भास्कर की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 15 फरवरी 2005 को की गयी थी। स्वामी राम
प्रपन्नाचार्य ने यज्ञ कराया था। इसके बाद यहां देवी जी, दुर्गा जी, जनुमन जी,
शंकर जी समेत कई देवी देवता स्थापित किए गये।
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