फोटो-बाबा रामदेव के साथ संतोष बादल व भजन रत्न का सेट
सबसे बड़े भजन शो से
जुडा दाउदनगर का नाम
|
नयी प्रतिभाओं को
मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर मौक़ा
बौलीवुड इस प्रखंड के चौरम निवासी संतोष बादल ने बड़ा नाम किया
है| बाबा रामदेव के साथ इंटरटेनमेंट की
दुनिया में एक नया धमाका करने जा रहे हैं| पतंजलि ने अपने सीरियल ‘भजन रत्न’ का उन्हें
निर्देशक बनाया है| यह शो पुरे भारत से भजन गायको की खोज की है और इंडियन आइडियल
की तरह इस शो में इंडिया के नंबर वन भजन गायक को चुनकर पुरष्कृत करेगा। पुरे भारत
से ऑडिशन करके 350 प्रतिभागियों को चुना गया है और 14
जनवरी से 17 जनवरी के बीच पतंजलि कैंपस में महा ऑडिशन का
विशाल कार्यक्रम में 350 में से 40
प्रतिभागियों को चुना गया।
दानिका
सांस्कृतिक संस्थान के सरोज सागर का चयन भी वही हुआ है| अब 40 के
साथ कॉम्पटीशन हो रहा है| संभवतः
जुलाई तक यह शो भारत के नंबर वन भजन गायक को चुन लेगा| संतोष बादल ने बताया कि अब
तक का विश्व का सबसे बड़ा भजन पर आधारित सिंगिंग रिअलिटी शो है यह जिसे होस्ट कर
रहे हैं खुद स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी। हर एपिसोड में देश के बड़े
बड़े संत आएंगे जो प्रतिभागियों को सुनेंगे और अपना मत देंगे। जज के रूप में अनूप
जलोटा, लखवीर सिंह लखा, साधना सरगम, शंकर
महादेवन जैसे कई नाम शामिल होंगे।
मुझे
गर्व महसूस होता है कि मैं दाउदनगर के चौरम गांव का हूँ। मेरी मंशा है कि फिल्म
इंडस्ट्री का हर कलाकार दाउदनगर की धरती पर आकार अपनी अभिनय कला को दिखा कर जाए,
ताकि उन नवोदित कलाकारों का हौसला बुलंद हो जो मुम्बई तक की सफर नहीं कर पाते हैं|
मुझे ख़ुशी इस बात की भी है कि भजन रत्न के चलते मेरी और बाबा रामदेव की मित्रता
अभिन्न हो गई है।
फिल्म इंडस्ट्री में
बनाया है अपना ख़ास मुकाम
संतोष बादल की
संक्षिप्त बौलीवुड यात्रा
16 साल पहले जीते है
एडिटर का 9 अवार्ड
6000 एपिसोड और 9
बेस्ट डायरेक्टर अवार्ड
चौरम से बिना बड़ी डिग्री हासिल किए मुम्बई भाग कर जो मुकाम संतोष बादल ने हासिल
किया है वह विरले को ही नसीब होता है| वर्ष 1996 में मुम्बई पहुंचे,
सिर्फ 18 साल के थे| अपना गुरु माना इंडस्ट्री के जाने माने निर्देशक होमी वाडिया
को| निर्देशक बनना चाहटे थे| एक साल तक उनकी बहुत सेवा की| उनके
स्टूडियो के रख रखाव से लेकर उनके घर का खाना बनाना उनके कपडे वाश करना,सब
किया| अंततः 1997 में उन्होंने निर्देशक बनने के पूरे
फॉर्मूले को समझाया। विडियो संपादन का काम शुरू किया और 1998 तक
मुख्य संपादक बन गये| साल 2000 तक एडिटर के रूप में 9
अवार्ड जीते। इंडस्ट्री में खास जगह बन गई| तब सिर्फ 21
साल उम्र थी| एकता कपूर ने बतौर निर्देशक पहला मौका दिय| एशिया महादेश का
सबसे हिट सीरियल साबित हुआ- ‘क्योंकि सास भी कभी बहु थी’| उसके बाद 2016 के
अंत तक इंडस्ट्री के सारे सीरियल अपने नाम किये और लगभग 6000
एपिसोड का निर्देशन किया| साल 2000 से 2016 तक चार फीचर
फिल्म की जो चर्चित रही। हालिया रिलीज फिल्म "फाइनल मैच" काफी सफल रहा।
निर्देशक के तौर पर उन्हें नौ बेस्ट डायरेक्टर अवार्ड मिल चुका है| सन 2000 का
सबसे कम उम्र का निर्देशक बनने का गौरव भी प्राप्त उन्हें हुआ|
Salute to the proud of daudnagar
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