फोटो-अब्दुल कुदुस का मजार
अब्दुल कुद्दुस कबीरी का
उर्स मुबारक
मौलाना अब्दुल कुद्दुस कबीरी का उर्स मनाने की तैयारी चल रही
है। इनका जन्म 1928 में और मृत्यू 86 वर्ष की आयु में साल 2012 में हुई थी। गोला
मुहल्ला में इनका मजार है। वे खुद मदरसा इस्लामिया के लगभग 20 साल तक सचिव रहे
हैं। अभी इनके पुत्र मौलाना फरीदुद्दीन राजी इसके प्राचार्य हैं। राजी ही उर्स
कमिटी के अध्यक्ष हैं। श्री राजी, मो.गुड्डु एवं मो.सनाउल्लाह ने बताया कि जनाब
कबीरी सीता हाई स्कूल हरिहरगंज में बतौर शिक्षक कार्यरत थे। दुनियावी काम में ही
मशगुल न हो कर वे धार्मिक शिक्षा में अधिक तल्लीन रहे। अध्यात्मिक व्यक्ति बन गए।
एक वाकया इनकी अध्यात्मिकता के सन्दर्भ में प्रचलित है। एक बार डीईओ ने इनसे स्कूल
की व्यवस्था को लेकर कई सवाल पूछे। सभी सवालों का जबाब दिया। डीईओ ने नाराजगी
जाहिर की। जब वे जाने लगे तो उनकी गाडी स्टार्ट ही नहीं हो रही थी। तब इनके
ड्राइवर ने उन्हें श्री कबीरी से माफी मांगने को कहा। ऐसा करते ही वाहन स्टार्ट हो
गया। यह देखकर सभी भौचक रह गए। उपस्थित प्रधानाध्यापक एवं अन्य शिक्षक सभी दंग रह
गए। इनके साथ एक संयोग बडा बेहतर जुडा है। बताया कि मो.पैगंबर क्व वफात की तारीख
को ही इनका भी वफात यानी मृत्यू हुई। उर्दू कैलेंडर के अनुसार तेरह रज्ज्ब। मृत्यू
पश्चात इनको दफन किया गया और रोजा बनाया गया। इनके मुरीद बिहार, झारखंड, दिल्ली,
युपी महाराष्ट्र में रहते हैं। इनका खानदानी सिलसिला बरेली शरीफ से जुडता है।
बरेली शरीफ से ही उन्हें हकीमे मिल्लत का खिताब और मुरीद बनाने की खिलाफत भी मिली
थी।
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