शहर में गांव जैसा लगता है वार्ड संख्या एक
मुख्य पथ की स्थिति बदतर, उड़ती है धूल
दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर शहर का वार्ड संख्या एक शहर में होकर भी गांव जैसा है। इस वार्ड का मुख्य मोहल्ला अमृत बिगहा है, लेकिन शक्ल ओ सूरत जहर बुझा सा। इस वार्ड में जाने के लिए धूल फांकना आवश्यक शर्त है। पचकठवा से लेकर पासवान चौक तक आप चले जाइए धूल धूसरित सड़क है। शरीर गंदा हो जाएगा। चेहरे पर धूल चिपक जाएगा। वार्ड संख्या एक की मुख्य सड़क है यह। बरसात में इस रास्ते गुजारना मुश्किल है। कीचड़ जम जाता है। वार्ड के अन्य मोहल्लों की भी स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती। कई मुहल्ले नए बस रहे हैं जहां स्वभाविक रूप से अभी सड़क नहीं है। अमृत बिगहा इसका सबसे मुख्य मोहल्ला है लेकिन अभी भी जलजमाव, नाली और गली के पक्की करण का काम बाकी है।
पचकठवा में बदतर स्थिति
संजय कुमार कहते हैं कि नली गली नहीं है। रास्ता नहीं है। पचकठवा में बदतर स्थिति रहती है। आवास योजना का लाभ नहीं मिला। खगरी मोहल्ला में गली कच्ची रह गई, बनी ही नहीं। पूरी जी के बगीचा में पक्की गली नहीं बनी। प्राण के घर के पास से खेल मैदान तक सड़क नहीं। लखन राम के बगल से स्कूल तक कच्ची सड़क है।
पक्की सड़क का घोर अभाव
अमृत बिगहा निवासी हरीनाथ पासवान कहते हैं कि पासवान चौक से मुंडमाल भुईयां टोला तक नाला का निर्माण आवश्यक है। मेन रोड से सुरेंद्र पासवान के घर तक पक्की सड़क चाहिए। गणेश पासवान के घर से काली स्थान सोनतराई तक पीसीसी सड़क जरूरी है।
पानी का निकास नहीं यह बड़ी समस्या
अखिलेश बताते हैं कि नली गली नहीं है। सबसे बड़ी समस्या पानी का निकास नहीं होना है। गलियों में पीसीसी ढलाई नहीं है। जलजमाव और कीचड़ की परेशानी से मोहल्ला वालों को सामना करना पड़ता है।
विकास के किए हैं कई काम
फोटो- जागेश्वरी देवी
वार्ड पार्षद जागेश्वरी देवी बताती हैं कि पट कठवा तकिया मोहल्ला और अमृत बिगहा में पक्की सड़क निर्माण का काम किया है। 82 शौचालय, 80 वृद्धा पेंशन 16 आवास, और मोहल्लों में लाइट लगाने का काम किया गया है।
प्रमुख मोहल्ले -अमृत बिगहा, तकिया मोहल्ला, पटना का फाटक, पचकठवा, अशोक हाई स्कूल मोहल्ला, शिक्षक कालोनी, शिव मूर्ति नगर।
अब तक के वार्ड पार्षद
वर्ष - पार्षद का नाम
2002 -शांति देवी
2007- बीजांती देवी
2012- जागेश्वरी देवी
2018- जागेश्वरी देवी
राजनीतिक विशेषता : हैट्रिक जीत
वर्तमान वार्ड पार्षद जागेश्वरी देवी की उम्र लगभग 100 वर्ष बताई जाती है। वे दो बार से वार्ड पार्षद हैं। इनके बनने से पहले 2007 में वार्ड पार्षद बीजांती देवी इनकी पूतोह है। 2008 में जब यह नियम लागू हुआ कि नगर निकाय में चुनाव लड़ने के लिए दो से अधिक संतान नहीं होना चाहिए तो इसी कारण बीजांती देवी की जगह उनकी सासू चुनाव लड़ी। आमतौर पर दो बार जितना मुश्किल होता है। यहां जितेंद्र पासवान की पहली पत्नी और फिर दो बार उनकी मां बनीं। यानी 2007 से लगातार वार्ड पार्षद सासु पूतोह हैं।
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