अरवल, आरा और सासाराम से हो रही चरस- अफीम की आपूर्ति
हत्या की डर से नेटवर्क की जानकारी नहीं देते युवा
नशे के कारण बर्बाद हो रही है युवा पीढ़ी
ड्रग्स खरीदने के लिए चलन में है पासवर्ड और कोड वर्ड
चिन्हित दुकानों पर तय समय पर हो रही आपूर्ति
उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : एक फिल्म आई थी- उड़ता पंजाब। ड्रग्स के शिकंजे में कसे पंजाब की स्थिति को बयां करती है यह फ़िल्म। दाउदनगर भी इसी राह पर जा रहा है, उड़ता दाउदनगर बनने की स्थिति में है। और नई पीढ़ी ड्रग्स की चपेट में आकर बर्बाद हो रही है। काफी लोग इसे शराबबंदी का साइड इफेक्ट बताते हैं। किशोर वय उम्र के लड़के हों या युवा ड्रग्स की लत का शिकार होते जा रहे हैं। शहर में कई ऐसे अड्डे बन गए हैं जहां यह बैठकर ड्रग्स लेते हैं। शहर में कई चिन्हित ऐसे दुकान हैं जहां से ड्रग्स की आपूर्ति हो रही है। सूत्रों के अनुसार अरवल, आरा और सासाराम से ड्रग्स की आपूर्ति हो रही है। खूंखार नेटवर्क विकसित हो गया है। डा. महेंद्र शर्मा बताते हैं कि स्थिति यह है कि नशे की लत के कारण बीमार पड़ रहे बच्चे पूछने पर नेटवर्क के बारे में कोई जानकारी नहीं देते और वे बताते हैं कि यदि वे नाम लेंगे तो उनकी हत्या की जा सकती है। इतना मजबूत नेटवर्क बनता जा रहा है आपूर्तिकर्ताओं का।
कई इलाकों में हो रही बिक्री
बुधन बिगहा निवासी गोपाल शरण सिंह कहते हैं कि दाउदनगर गया रोड में, दाउदनगर पटना रोड में उमर चक तक इलाके में ड्रग्स की बिक्री हो रही है। राष्ट्रीय इंटर स्कूल स्टेडियम का मैदान, अंकोढ़ा का शिव मंदिर, पुराना अनुमंडल कार्यालय का सुनसान इलाका, पुरानी शहर का किला, शांति भवन नहर किनारे का सन्नाटा समेत शहर के कई सन्नाटे वाले इलाके ड्रग्स लेने वालों का अड्डा बन गया है।
बिगड़ते नौजवानों को संभालना जरूरी
भाजपा नेता अश्विनी तिवारी कहते हैं कि बिगड़ते नौजवानों को रोकना संभालना आवश्यक है। पूरी पीढ़ी ड्रग्स की चपेट में जा रही है और बर्बाद हो रही है। ड्रग्स की बिक्री व्यापक पैमाने पर हो रही है। इनका मजबूत नेटवर्क खड़ा हो गया है। प्रशासन चाहे तो बिगड़ते नौजवानों को इस नेटवर्क को ध्वस्त कर बचा सकती है।
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