मामला औरंगाबाद- बिहटा रेल लाइन का
15 वर्ष में 326 से 3500 करोड़ की हुई परियोजना
43 वर्ष में भी परियोजना पूरी नहीं
दाउदनगर (औरंगाबाद) : भारत सरकार का बजट सत्र प्रारंभ होने वाला है। बिहार के चार संसदीय क्षेत्र पाटलिपुत्र, जहानाबाद, काराकाट, औरंगाबाद की लगभग 90 लाख की आबादी की उस पर नजर टिक गई है। इनकी मांग है कि बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन परियोजन के लिए सरकार प्राक्कलन के अनुसार राशि देकर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराये। बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन संघर्ष समिति ने अभी इसी उम्मीद में पांच से दस जनवरी तक पदयात्रा की। यह समिति वर्ष 2016 से इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। अनेक स्तर पर आंदोलन किया गया है। रेलवे लाइन निर्माण संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव के अनुसार 2016 में पदयात्रा निकाली गई थी। 2017 में रेलवे ट्रैक को जाम करने के अलावा रेल मंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया था। हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। 2019 में दिल्ली के जंतर -मंतर पर सत्याग्रह किया गया। दानापुर मंडल कार्यालय के समक्ष धरना भी दिया गया। वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने अरवल में एक कार्यक्रम के दौरान इसके निर्माण की घोषणा की थी। वर्ष 2007 में पालीगंज में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने शिलान्यास किया। तब से प्रायः हर बजट में कुछ न कुछ राशि मिलती रही। अभी तक बमुश्किल 100 करोड रुपए भी नहीं प्राप्त हुई है। तब यह परियोजना बमुश्किल 326 करोड़ रुपए की बताई गई थी। लेकिन बीते 15 वर्ष में यह 3500 करोड़ रुपए लगभग की हो गई है। बीते 43 वर्ष में यह परियोजना मात्र सर्वे तक पहुंच पाई है।
दो चरणों में होना है निर्माण
दो चरणों में बिहटा- औरंगाबाद रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा कराना है। पहले चरण में बिहटा से पालीगंज तथा दूसरे चरण में पालीगंज से औरंगाबाद के बीच निर्माण होना है।
रेल परियोजना से जुड़े तथ्य
वर्ष 2007 में अनुमानित प्राक्कलन -326 करोड़ रुपये।
वर्ष 2022 में अनुमानित राशि 3500 करोड़ रुपये।
लंबाई 118.45 किलोमीटर।
प्रस्तावित स्टेशनों की संख्या -16
यहां बनेंगे स्टेशन- बिहटा, अमहारा, विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, बारा, अरवल, राजा बिगहा, जयपुर, शमशेरनगर, दाउदनगर, ओबरा, अनुग्रह नारायण रोड, भरथौली, औरंगाबाद।
फाटक व पुल :- 79 समपार फाटक व 196 छोटे-बड़े पुल
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