टूट रही है वर्जनाएं भी
किन्तु---
वेलेनटाईन डे या प्रेम दिवस
समाज के लिए औपचारिक दायरे से बाहर के वर्जित विषय प्रेम पर बहस का मौका देता है|
भारत का समाज जितना खुला हुआ रहा है उतना ही बंद भी है| यह अंतर्द्वंध हर वर्जित
विषय को लेकर साफ दीखता है| वर्जनाये टूट भी रही है किन्तु उसकी गति खी काम है तो
कही नकारात्मक भाव लिए हुए है| भारत का पुरा पौराणिक आख्यान ही प्रेम से पगा हुआ
है। भक्तिकाल और रीति काल भी| ऐतिहासिक काल में भी स्त्री-प्रेम,देश
प्रेम,सम्बन्ध-प्रेम,के किस्से भरे पडे हैं। वैश्वीकरण का प्रभाव अपनी भारतीय संस्कृति
पर हावी दिखती है| वर्तमान और कल के शिक्षक क्या सोचते है? भगवान् प्रसाद शिवनाथ
प्रसाद बीएड कॉलेज के छात्र और छात्रा के विचार..
नैतिक चारित्रिक मूल्य में
गिरावट
शिक्षिका आरती कुमारी कहते
एहेन की समाज का नैतिक और चारित्रिक मूल्यों में गिरावट आयी है| ऐसा आन्ही होना
चाहिए था| वेलेंटाइन तो कोइ भी हो सकता है| मां-पुत्र, भाई-बहन, दो मित्र कोइ भी|
सिर्फ प्रेमिका हे वेलेंटाइन नहीं होती| इस दिवस को पथ प्रदर्शक के रूप देखा जाना चाहिए
न कि सिर्फ प्रेमी युगल के रूप में|
प्रेम नहीं शहीदों को करे
याद
सुमन कुमारी कहती हैं कि यह
भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है| इसी दिन स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं
राजगुरु, सुखदेव व भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाई गयी थी| इस कारण इस दिन इन वीर
शाहीदों को याद करना चाहिए| भारतीय संस्कृति के अनुकूल है इनका स्मरण करना न कि
प्रेम दिवस मनाना|
हीन भाव से न देखें
डिहरी ओबरा के श्रवण कुमार
कहते है कि समाज में विकृति आयी है| प्रेम को हीन भाव से देखा जाता है| यह गलत है|
निगेटिव वे में इसे नहीं देखा जाना चाहिए| शिक्षा से इसे दूर किया जा सकता है और
हम ऐसा प्रयास आसा पास रहने वाले लोगों को इसके बारे में समझा कर कर रहे है| अपने
विचार से दूसरे को बदलें|
हर साल मने प्रेम दिवस
ओबरा के ही मिडिल स्कूल
शिक्षक जयशंकर गुप्ता का मत है कि हर साल इसे मनाया जाना चाहिए| मानव विकास में
इसकी अहम भूमिका है| लोगो का जो गलत नजरिया है उसे बदला जाना चाहिए| सभी को बढ़ चढ़
कर इस उत्सव में हिस्सा लेना चाहिए|
स्त्री-पुरुष समझ के लिए
अच्छा
उमेश देव का मानना है कि
स्त्री-पुरुष के दो पहिये है| इनके बिना परिवार की गाडी नहीं चल सकती| दोनों में
सामंजस्य बिठाने के लिए यह बेहतर अवसर है| एक दूसरे से विचार साझा करने और समझने
के लिए यह अच्छा है| समाज इससे सुन्दर होगा|
कौन थे संत वेलेंटाइन ?
14 फरवरी 269 ई0 को रोम के
तत्कालीन सम्राट क्लाडियस ने अपने क्रुर राजाज्ञा की खिलाफत करने के आरोप में संत
वेलेनटाइन को फांसी पर चढा दिया था। अपने इस विश्वास के कारण कि स्त्री संसर्ग
करने से व्यक्ति की शारीरिक शक्ति क्षीण होती है, इस सम्राट ने राज्य की सुरक्षा
व्यवस्था में तैनात सैनिकों के विवाह को निषिद्ध कर दिया था। इसकी खिलाफत करते हुए
पादरी वेलेंटाइन ने सैनिकों का विवाह उनकी प्रेमिकाओं से कराते थे। बस यही अपराध
सज़ा का कारण बना।
प्रेम पर चुनिन्दा विचार
*”प्रेम के लिए स्त्री के
पास एक ही कारण होता है,पुरुष को बेवकुफ बनाने की चाहत।“* अनेक लडकियां ठगी न
जांए,इसलिए प्रेम नहीं करती”।–द सेकेण्ड सेक्स में सिमोन द बोउवा।
*औरत जब प्यार करती है तभी
औरत होती है।–नित्से
* औरत के जीवन में पहली बात
होती है प्रेम-बाल्जाक
*प्रेम सबसे
करो, भरोसा
कुछ पर करो और नफरत किसी से न करो -ईसा मसीह
*पुरुषों का प्रेम आंखों से और महिलाओं का प्रेम कानों से शुरू होता है -अज्ञात
*किसी दुश्मन को पूरी तरह बर्बाद करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उससे प्रेम करना शुरू कर दो -अब्राहम लिंकन
*प्रेम सीधी-साधी गाय नहीं है, खूंखार शेर है, जो अपने शिकार पर किसी की आंख नहीं पड़ने देता - मुंशी प्रेमचंद
*प्रेम से भरा हृदय अपने प्रेम पात्र की भूल पर दया करता है और खुद घायल हो जाने पर भी उससे प्यार करता है -महात्मा गांधी
प्यार की छुअन से हर कोई कवि बन जाता है -प्लेटो
*पुरुषों का प्रेम आंखों से और महिलाओं का प्रेम कानों से शुरू होता है -अज्ञात
*किसी दुश्मन को पूरी तरह बर्बाद करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उससे प्रेम करना शुरू कर दो -अब्राहम लिंकन
*प्रेम सीधी-साधी गाय नहीं है, खूंखार शेर है, जो अपने शिकार पर किसी की आंख नहीं पड़ने देता - मुंशी प्रेमचंद
*प्रेम से भरा हृदय अपने प्रेम पात्र की भूल पर दया करता है और खुद घायल हो जाने पर भी उससे प्यार करता है -महात्मा गांधी
प्यार की छुअन से हर कोई कवि बन जाता है -प्लेटो
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