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सोन नद पर बिहार में होगा पांचवां पुल
यदिपंडुका-श्रीनगर सोन पुल का निर्माण हुआ तो वह सोन नदी पर बिहार में पांचवां पुल होगा। सोन नदी पर बना कोईलवर रेल सह सड़क पुल सबसे पुराना है। इसकी उम्र 155 साल हो गई है। पुल का निर्माण 1856 में शुरू हुआ था। पुल के ऊपरी हिस्से में रेलमार्ग निचले हिस्से में टू लेन की सड़क है। दूसरा सबसे पुराना पुल ग्रैंड ट्रंक रोड पर डेहरी में बना हुआ है। 1965 ई. में यह पुल तैयार हो गया था। इसके समानांतर नया पुल भी बना है। सहार और अरवल को जोड़ने के लिए सोन नदी पर वर्ष 2012 में लगभग 100 करोड़ की लागत से तीसरा पुल बना है। नवंबर में शिलान्यास संभव पंडुका-श्रीनगरसोन पुल का शिलान्यास कार्य नवंबर में संभव हो सकता है। गत दस सितंबर को सांसद छेदी पासवान ने ऐसी ही घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि नवंबर माह के अंत तक हर हाल में पडुका गांव के नकट सोन नदी पर पुल निर्माण के लिए शिलान्यास किया जाएगा। जिसमें भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी आएंगे। जब मोकामा में इसकी घोषणा हो गई और स्वयं श्री गडकरी द्वारा, तो उम्मीद है कि जैसा सांसद ने कहा है वैसा ही होगा बना तो होगा पांचवां सड़क पुल। बांध और रेल पुल भी है सड़कपुल के अलावा बांध और रेल पुल भी सोन पर बना हुआ है। डिहरी-आन-सोन में बांधा बनाकर 296 मील लंबी नहर निकाली गई है। इन्द्रपुरी बराज के जल से कई जिलों के लगभग सात लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। यह बांध 1874 ई. में बन कर तैयार हो गया था। यहां ही सबसे लंबा रेल पुल जवाहर सेतु है। कोइलवर में सड़क के साथ रेल पुल है। |
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