बांगलादेश में
खेलेगा वर्ल्ड कप
अंडर-19 क्रिकेट टीम
का है कप्तान
उपेन्द्र कश्यप फोटो- इशान अपने परदादा एवं अन्य के साथ
पहली बार अंडर -19 वर्ल्ड कप भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान
बनाये गये इशान किशन पर कोई दबाव नहीं है। मंगलवार को गोरडीहां स्थित उसके पैत्रिक
घर पर यह जानने की किशिश की कि उस पर इस उपलब्धि का कितना दबाव है? बताया कि किसी
तरह का दबाब नहीं है। अपने लडकों (साथी अन्य 14 खिलाडी) को मानसिक तौर पर मजबूत
रखना है। जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और दर्शक होंगे तब तो दबाव होगाया नहीं? यह
पूछने पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हम तैयार हैं। मीडिया के हुजूम को लगातार इंगलिश
में साक्षात्कार दे रहा हूं। कहा कि हमारी टीम एकजुट होकर खेलेगी और हम जीत कर
आएंगे। बांग्लादेश में यह टूर्नामेंट 22 जनवरी से शुरू होना है। ईशान के नेतृत्व
में भारतीय टीम 27 जनवरी को अपना पहला मैच आस्ट्रेलिया से खेलेगी। इससे पहले 17
जनवरी तक नेशनल क्रिकेट एकेडमी बंगलुरु में प्रशिक्षण शिविर में भाग लेगा। ईशान ने
अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुये कहा कि छुटटी के दिनों में हम
दोनों भाईयों को लेकर पिता अभ्यास कराने पटना के मोईनुल हक स्टेडियम ले जाया करते
थे। बीसीए, सीएबी,
आरसीसी और सीएपी
के तहत प्रशिक्षण मिला। इसके बाद 2011 में झारखंड से खेलने चले गये। बेहतर से
बेहतर प्रदर्शन करने का संकल्प ले चुका इशान का लक्ष्य सीनीयर इंडियन टीम में
शामिल होकर देश के लिए खेलना है।
फोटो-मुखिया भगवान
सिंह एवं अन्य ने किया सम्मानित
घर पहुंचते जुटा
ग्रामीणों का हुजूम
सुरक्षा को पुलिस बल
हुआ तैनात
इशान किशन जब मंगलवार को अपने पैत्रिक गांव गोरडीहां पहुंचे तो
पुलिस सुरक्षा में तैनात दिखी। ग्रामीणों का हुजूम जुट पडा। गोरडीहां पंचायत के
मुखिया मुखिया भगवान सिंह ने पंचायत की ओर से उसे सम्मानित किया। मौके पर उसे
सिनियर होने के नाते नेट पैक्टिस कराने और फिटनेस सत्र दिलाने वाले प्रफ्फुलचन्द्र
सिंह, मुखिया लव कुमार सिंह, पंचायत समिति सदस्य कौशल शर्मा, भीम शर्मा, राकेश
शर्मा, राजेश पांडेय, पिता प्रणव पांडेय, माता सुचित्रा सिंह, दादा राम अनुग्रह
पांडेय और परदादा राजनन्दन पांडेय, भाई राज किशन, अभिषेक कुमारम् समेत सैकडों ग्रामीण उपस्थित रहे। सबमें उसे एक
झलक देख लेने की उत्सुकता दिखी। मुखिया भगवान सिंह ने कहा कि इशान के कारण गांव की
पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगी। यह गौरव की बात है। गांव का भ्रमण किया। वह
गांव में कई घरों में बुलावे पर और स्वयं भी गया। हर कोई उसके साथ अपना एक पल बिता
लेने को बेताब था। बडे बुजूर्गों का आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ में वह
प्रफ्फुलचन्द्र सिंह से गुफ्तगूं करता रहा।
कैसे खेलेगा से बहुत
दूर निकल गया इशान
फोटो- इशान किशन
प्रफ्फुलचन्द्र के साथ
शत्रुघ्न सिन्हा ने
पूछा था- कैसे खेलेगा यह बच्चा?
अंडर -19 वर्ल्ड कप भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाये गये
इशान किशन ने बहुत दूरी तय कर ली है, किंतु उसे अभी बहुत दूर जाना है। कभी बिहारी
बाबु (शत्रुघ्न सिन्हा) ने उस पर शंका जाहिर करते हुए पूछा था- कैसे खेलेगा यह
बच्चा? इनको सिनियर होने के नाते मोइनुलहक स्टेडियम में फिटनेस सत्र और नेट
प्रैक्टिस कराने वाले प्रफ्फुल चन्द्र सिंह जब उससे मंगलवार को मिले तो पुरानी
यादें ताजा हो गयीं। बताया कि 2004 में सुखदेव नारायण क्रिकेट टुर्नामेंट पटना में
जन अपने सिनियरों के सामने मात्र 06 साल की उम्र में इशान उतरा तो श्री सिन्हा ने
पूछा- कैसे खेलेगा यह बच्चा? तब उसे पैदा भी बान्धना नहीं आता था।प्रफ्फुल ने कहा
कि अब हर कोई इसके साथ खेलना चाहेगा। कई सपने देखेंगे कि इनके साथ खेल लेते। यह
सौभाग्य भी सबको नहीं उपलब्ध हो सकेगा। दोनों ने अपनी कई यादें साझा की। बताया कि
आज जो नाम मोला है वह समर्पण और त्याग की वजह से मिला है। परिस्थिति बदल गयी है।
इन्होंने इशान को उपहार भेंट किया।
प्रदर्शन से खुलेगा
भविष्य के कई दरवाजे
इशान किशन के लिए भविष्य के कई दरवाजे बस खुलने वाले ही हैं।
यह इस पर निर्भर करता है कि वह बांलादेश में अंडर-19 वर्ल्ड क्रिकेट टुर्नामेंट
में कैसा प्रदर्शन करता है। यदि बतौर बैट्समैन एक दो अर्धशतक या बतौर कप्तान बेहतर
प्रदर्शन करने में वह सफल रहा तो भारतीय क्रिकेट के एकदिवसीय और टेस्ट के लिए
दरवाके पर वह दस्तक दे सकेगा। प्रफ्फुलचन्द्र सिंह ने बताया कि बांगलादेश के बाद
नजदीक में इंडियन प्रिमियर लीग (आईपीएल) होने वाला है। इस नये सत्र के लिए कोई टीम
उसे अपने लिए खेला सकती है। यह आने वाले कई साल तक नियमित रणजी खेल सकेगा। इसे
बीसीसीआई हर रणजी मैच के लिए मोटी रकम देता है। इशान आश्वस्त है कि वह उंची छलांग
लगा सकेगा। उस दिन का सबको इंतजार होगा। जब वह बांगलादेश में खेल रहा होगा तब भी
इसकी हर गतिविधि पर औरंगाबाद के निवासियों की नजर होगी। हर कोई बस फिलहाल यही
कामना कर रहा है कि वह बेहतर प्रदर्शन कर भारत लौटे।
तब जैसा होगा वह
शमां?
जब बांगला देश में वह भारत की ओर से भारतीय क्रिकेट अंडर 19 टीम का झंडा बतौर
कप्तान लेकर चलेगा तो कैसा शमां होगा? जो होगा वह देखना आंखों को सुकून देगा। न
सिर्फ भारत के लोग उस दृष्य का गवाह बनना चाहेंगे, बल्कि बिहार, औरंगाबाद और फिर
दाउदनगर के लोग उस शमां को देखने से चुकना नहीं चाहेंगे। भारतीय राष्ट्रगान का वह
यादगार पल दर्शनीय होगा।
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