7779
वृक्ष की जगह लगाये गए मात्र 2676 पौधे
काटने
के लिए चिन्हित किए गए थे 3980 पेड़
2593
पेड़ काटने के बदले लगाने थे तीन गुणा
मामला
एनएच 139 पटना-हरिहरगंज पथ का
वैश्विक स्तर पर पर्यावरण एक बड़ी समस्या बनी हुई है| इसके
लिए चिंता व्यक्त की जाती है और कई सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं| इस सन्दर्भ में
एनएच 139 अनीसाबाद-औरंगाबाद-हरिहरगंज पथ (पूर्व में एनएच-98) के चौडीकरण में जो
पेड़ काटे गए, उसकी भरपाई में लापरवाही दिखती है| हालात यह हो गए कि हाइवे से
वृक्षों की छाया दूर हो गई है| सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से रजनीश कुमार को
प्रथम अपील के बाद जो जो सूचना मिली उसके अनुसार इस पथ में काटने के लिए कुल 3980
पेड़ चिन्हित किए गए थे| जिसमें से 2593 वृक्षों की कटाई
हो चुकी है| शेष 1387 को बचने का प्रयास किया जा रहा है| निविदा के शर्त मुताबिक़ काटे
गए पेड़ों का तीन गुणा नए पौधे लगाना है| इस कारण यहाँ उन्हें कुल 11940 पौधे लगाने हैं। दी गयी जानकारी के अनुसार अब तक किलोमीटर 102 से किलोमीटर 138 के बीच कुल 2673 पौधे लगाए जा चुके हैं। इस लिहाज से देखें तो अब तक कम से कम 7779 पौधे
लगाए जाने चाहिए थे| जबकि काटे गए वृक्ष के मुकाबले मात्र 34 फिसद यानी 2673 पौधे
ही लगाए गए हैं|
माँगी
गयी सूचना-
अनीसाबाद-औरंगाबाद-हरिहरगंज पथ के निर्माण के क्रम में कौन-कौन प्रजाति के कितने वृक्ष काटे गए?
काटे गए वृक्षों के बदले वृक्षारोपण का परियोजना में क्या प्रावधान है और काटे गए वृक्षों के बदले किस प्रजाति के और कितने पौधे लगाए गए?
काटे गए वृक्षों के बदले वृक्षारोपण का परियोजना में क्या प्रावधान है और काटे गए वृक्षों के बदले किस प्रजाति के और कितने पौधे लगाए गए?
जो
ख़ास जवाब मिला-
सूचना
के अनुसार सड़क किनारे केवल सजावटी पौधे, मसलन गुलमोहर, कचनार, जामुन, अर्जुन, बिलायती, बबूल, इत्यादि ही लगाने
हैं। कुल काटे गए वृक्षों में आम के 64, बरगद के 72, पीपल के 83, ताड के 441, शीशम के
266, शिरीष के 109, यूकेलिप्टस के 105,
अर्जुन के 124, कदम के 59 और अन्य 1271 बबूल, नीम,
जामुन, महुवा, बकैन के पेड़
हैं।
पेड़
लगाने के लिए विधिक तरीके से करें बाध्य-रजनीश
शिक्षक
रजनीश कुमार का कहना है कि अगर एजेंसी द्वारा निविदा के अनुसार कार्य नहीं किया जा
रहा हो तो इन्हें विधिक तरीके से इस हेतु बाध्य करे। आम जन स्वयं स्थल निरीक्षण कर
एनएच किनारे किए गए पौधारोपण से वाकिफ हो| कहीं का भी केवल एक किलोमीटर में लगाए गए
पौधों की गणना तो कर ही सकता है। अगर सूचना में दिए गए तथ्यों के आलोक में पौधारोपण
नहीं किया गया है तो अपने मोबाईल से फोटो लेकर सीधे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
में शिकायत दर्ज कराया सकता है। इसमें कोई खर्च नहीं है, शिकायतकर्त्ता के पास स्मार्टफोन
और इंटरनेट कनेक्शन हो। इससे पर्यावरण व भ्रष्टाचार दोनों क्षेत्र में काम होगा|
यहाँ
करें शिकायत
www.pgportal.gov.in पर दर्ज शिकायत की संख्या मिलती है और प्रगति प्रतिवेदन अपलोड किया जाता है।
लोग चाहें तो सामाजिक कार्य कर रही संस्था नागरिक अधिकार मंच के पास ईमेल citizenrightbihar@gmail.com कर सकते हैं| यह नागरिकों के शिकायतों को एकत्र कर उसे संबंधित ऑथोरिटी के
पास प्रेषित करती है और फिर दर्ज शिकायत का लगातार फॉलोअप करती है।